Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस आरोप के कारण नौकरी गंवाने वाले शिक्षाकर्मी अगले नौ महीने भी तक काम पर नहीं लौट सकेंगे
कोलकाता। शिक्षकों और शिक्षाकर्मियों सहित कुल 26,000 नौकरियां रद्द कर दी गईं। लेकिन यदि इतने सारे शिक्षकों की नौकरियां रद्द कर दी गईं तो राज्य के स्कूल कैसे चलेंगे? इसी कारण, सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षकों को नया पैनल गठित होने तक काम करते रहने का आदेश दिया। हालाँकि, अदालत ने ग्रुप सी और ग्रुप डी के कर्मचारियों को फिलहाल काम जारी रखने की अनुमति नहीं दी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को उनसे फोन पर बात की। वहां से उन्होंने ग्रुप सी-ग्रुप डी के कर्मचारियों को बड़ा संदेश दिया। ममता ने इन सभी बेरोजगार श्रमिकों को मासिक सहायता देने की घोषणा की। शनिवार को पहले मुख्यमंत्री ने जानना चाहा कि ग्रुप सी और ग्रुप डी का वेतन क्या है? तब ममता बनर्जी ने कहा कि क्या वे मेरी बात मानेंगे? तब मैं कहूंगी। कोर्ट ने नौकरी रद्द कर दी है। मैं मानवता के नाते कह रही हूं, अगर वे इसे स्वीकार करते हैं तो मैं कहूंगी। बेरोजगार ग्रुप सी और ग्रुप डी कर्मियों ने मुख्यमंत्री को जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मैडम, हम बिना सुने कैसे हाँ कह सकते हैं? हमारे यहाँ प्रतिनिधि हैं। बिना सुने कैसे हाँ कह सकता हूँ...।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक फैसला नहीं हो जाती, हम मानवता के हित में कुछ सोच सकते हैं। हम ग्रुप सी और डी के लिए भी समीक्षा याचिका दायर करेंगे। वे पात्र हैं या अपात्र, इस बारे में मैं कुछ नहीं कहूंगी। ग्रुप सी और ग्रुप डी को पूरी तरह से रद्द कर दिया गया है। मैं इसमें शिक्षा विभाग को शामिल नहीं करूंगी। लेकिन मैं वादा करती हूं, मैं सभी के लिए समीक्षा याचिका दायर करूंगी। मैं कानूनी दस्तावेजों का इंतजार कर रही हूं। क्योंकि शिक्षा विभाग के खिलाफ मामला चल रहा है। समीक्षा अगले महीने के पहले सप्ताह में हो सकती है। मैं निश्चित रूप से चाहती हूं कि सभी अपनी नौकरी बरकरार रखें। फिर मुख्यमंत्री का संदेश, फिलहाल मानवीय दृष्टिकोण से सोचते हुए मैंने श्रम विभाग के मुख्य सचिव और वकीलों से बात करके कुछ सोचा है। मैं डनलप कर्मचारियों को 10 हज़ार रुपए देती हूं। इसी तरह सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत ग्रुप सी को 25 हज़ार और ग्रुप डी को 20 हज़ार दूंगी। अगर वे (बेरोजग़ार) इस पर सहमत होते हैं। जब तक कोई फ़ैसला नहीं हो जाता। अगर कोर्ट इसकी इजाज़त नहीं देता है, तो मैं इस बारे में सोचूंगी कि विकल्प क्या है। गौरतलब है कि ग्रुप सी और ग्रुप डी में भ्रष्टाचार ज्यादा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस आरोप के कारण नौकरी गंवाने वाले शिक्षाकर्मी अगले नौ महीने भी तक काम पर नहीं लौट सकेंगे।